आईपीसी की प्रमुख धाराएं हिंदी में: धारा 76, 336, 84, 109, 201, 188, 420, 448, 103, 354A और अन्य
1. धारा 76 IPC – (Act done by a person bound, or by mistake of fact believing himself bound, by law)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 76 के अनुसार, “जिस व्यक्ति को कानून द्वारा बाध्य समझता हो या जिसे वस्तुस्थिति के बारे में ऐसी गलती हो कि वह मान-ता हो कि वह बाध्य है, यदि उसने ऐसा कार्य किया हो, तो वह अपराध नहीं है।”
मुख्य घटक (Key Elements):
- व्यक्ति को विश्वास हो कि वह कानून द्वारा बाध्य है।
- यह विश्वास वस्तुस्थिति में गलती (mistake of fact) पर आधारित हो, न कि कानून की गलती (mistake of law)।
- वह कार्य कानून द्वारा निषिद्ध न हो।
- व्यक्ति सच्चे विश्वास (good-faith) में कार्य कर रहा हो।
उदाहरण:
यदि एक सरकारी अधिकारी आदेश मानते हुए गलत व्यक्ति को गिरफ्तार कर ले, क्योंकि उसे विश्वास हो कि उसे ऐसा करना है, तो धारा 76 के तहत उसे अपराधी नहीं माना जाएगा।
प्रासंगिकता:
यह धारा न्यायशास्त्र में सक्षम रक्षा (defence) का भाग है — अर्थात् कुछ कार्यों को अपराध नहीं माना जाता जब व्यक्ति को विश्वास हो कि वह बाध्य है या वस्तुस्थिति में गलती हो गई हो।
2. धारा 336 IPC – (Act endangering life or personal safety of others)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 336 के अनुसार, “जो कोई भी किसी ऐसे कार्य को उतावलापन या उपेक्षा से करता है जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो, उसे सज़ा की व्यवस्था है।”
प्रमुख घटक:
- गतिविधि लापरवाही से या उतावलापन में की गई हो।
- उस कार्य से मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ गयी हो।
- वास्तविक नुकसान हुआ हो या नहीं, यह आवश्यक नहीं, केवल जोखिम होना पर्याप्त है।
दंड (Punishment):
कारावास तक 3 महीने, या जुर्माना ₹250 तक, या दोनों।
उदाहरण:
अगर कोई व्यक्ति negligently ऊँचाई से पत्थर फेंकता है और नीचे लोगों के जीवन को खतरे में डालता है, तो यह धारा 336 के अंतर्गत आ सकता है।
3. धारा 84 IPC – (Act of a person of unsound mind)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 84 के अनुसार, “जो व्यक्ति मानसिक विकृति के कारण कानून द्वारा किए गए कार्य की प्रकृति या उसके कुकर्म का बोध नहीं कर सकता, वह अपराधी नहीं माना जाएगा।”
प्रमुख घटक:
- व्यक्ति मानसिक विकृति (unsound mind) से प्रभावित हो।
- अपराध अपराध करने के समय की मानसिक स्थिति को देखता है।
- यदि वह न कार्य की प्रकृति न कार्रवाई को समझ सकता हो, तो दोषमुक्त हो सकता है।
प्रासंगिकता:
यह मानसिक विकृति से पीड़ित व्यक्तियों की रक्षा करता है, जो सामान्य बोध या निर्णय-क्षमता से वंचित हों।
4. धारा 109 IPC – (Abetment of offence by one person)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 109 के अनुसार, “यदि दो या दो से अधिक लोग किसी अपराध की अभिप्रेरणा (abetment) करते हों, परंतु अपराध को केवल एक व्यक्ति ने किया हो, तो अभिप्रेरकों पर धारा के अंतर्गत कार्रवाई संभव है।”
मुख्य घटक:
- अभिप्रेरणा (abetment) का सिद्ध होना।
- अपराध हुआ हो (though अभियुक्त ने न किया हो)।
- अभिप्रेरक व्यक्ति ने केवल प्रेरणा या सलाह दी हो।
विशेष:
यह धारा इंगित करती है कि जो व्यक्ति सीधे अपराध नहीं करता, लेकिन प्रेरणा देता है, वह भी दोषी हो सकता है।
5. धारा 201 IPC – (Causing disappearance of evidence of offence, or giving false information to screen offender)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 201 के अनुसार, “कोई व्यक्ति जो अपराध द्वारा उपयोग या आवश्यकता वाले सबूत को छिपाता, नष्ट करता या देता है ताकि दोषी को बचाया जा सके, या गलत सूचना देता है, वह इस धारा के अंतर्गत दंडित होगा।”
मुख्य घटक:
- सबूत का नष्ट करना, छिपाना या देना।
- उद्देश्य: दोषी को बचाना।
- इसे जालसाज़ी या प्रमाण छिपाना माना जाता है।
सज़ा:
5 वर्ष तक का कारावास, और जुर्माना।
6. धारा 188 IPC – (Disobedience to order duly promulgated by public servant)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 188 के अनुसार, “अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक अधिकारी द्वारा विधिसम्मत जारी आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे दंड दिया जा सकता है।”
प्रमुख घटक:
- आदेश वैध हो और सार्वजनिक अधिकारी द्वारा जारी हो।
- व्यक्ति ने जान-बूझकर आदेश का उल्लंघन किया हो।
- नागरिकीय दायित्व और सार्वजनिक आदेशों का उल्लंघन।
सज़ा:
6 महीने तक कैद, या जुर्माना ₹1000 तक, या दोनों। (यदि आदेश सेना/राज्य में हो तो 2 वर्ष तक)
7. धारा 420 IPC – (Cheating and dishonestly inducing delivery of property)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 420 के अनुसार, “जो व्यक्ति धोखे से किसी को वस्तु या संपत्ति देता है या प्राप्त करता है, उसे सज़ा होगी।”
प्रमुख घटक:
- धोखा (cheating) होना आवश्यक।
- संपत्ति या वस्तु का हस्तांतरण होना।
- आरोपी ने जान-बूझकर धोखा दिया हो।
सज़ा:
7 वर्ष तक की कैद और जुर्माना।
प्रासंगिकता:
धारा 420 का उपयोग अक्सर बैंक धोखाधड़ी, ऑनलाइन स्कैम व फर्जीवाड़े में होता है।
8. धारा 448 IPC – (House-trespass after preparation made for hurt, assault or wrongful restraint)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 448 के अनुसार, “जब कोई व्यक्ति पूर्व तैयारी करके किसी के घर में घुसता है, यह जानते हुए कि वहां उसे चोट पहुँचानी है, हम-दारी करनी है या गलत बंदी करनी है, तब यह अपराध माना जाता है।”
मुख्य घटक:
- घर में प्रवेश (trespass) होना चाहिए।
- पूर्व तैयारी होनी चाहिए।
- उद्देश्य: चोट, हमला या गलत बंदी।
सज़ा:
3 साल तक की कैद और जुर्माना।
9. धारा 103 IPC – (Being member of armed gang, etc.)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 103 के अनुसार, “यदि कोई अपराध के समय हथियारबंद गिरोह का सदस्य हो और इसमें से कोई अपराध करता है, तो सदस्य को भी दंड दिया जा सकता है।”
मुख्य घटक:
- गिरोह (gang) का अस्तित्व।
- सदस्यता।
- अपराध का संबंध उस गिरोह से होना।
सज़ा:
7 वर्ष तक की कैद और जुर्माना।
10. धारा 354A IPC – (Sexual harassment; Penetrative sexual assault; Use of criminal force for sexual purposes)
परिभाषा/Hindi Meaning:
धारा 354A के अनुसार, “कोई व्यक्ति महिला को यौन उत्पीड़न करता है, या उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन क्रिया करता है, या यौन प्रयोजन से अपराध-बल प्रयोग करता है।”
प्रमुख घटक:
- महिला के विरुद्ध यौन उत्पीड़न या बल प्रयोग।
- सहमति-रहित क्रिया।
- यौन उद्देश्य।
सज़ा:
3 साल तक की जेल (पहली स्थिति) या 5–7 साल बढ़ सकती है गंभीरता के आधार पर।
⚠️ Disclaimer
यह लेख शिक्षण एवं जानकारी के उद्देश्य से है। इसमें दी गयी जानकारी सामान्य संदर्भ हेतु है, यह कानूनी सलाह नहीं है। किसी विशेष मामले में उचित वकील से परामर्श लें।